जनवरी की सर्द रात,दूब पर गिरी ओस की बूंदें और अकेलेपन का एहसास लिए मुँह से सिगरेट के धुएँ जितनी निकलती कोहरे के कश्मकश के बीच नीलेश अपनी...
जनवरी की सर्द रात,दूब पर गिरी ओस की बूंदें और अकेलेपन का एहसास लिए मुँह से सिगरेट के धुएँ जितनी निकलती कोहरे के कश्मकश के बीच नीलेश अपनी...
वक्त बेवक्त तुम्हारे चेहरे पर पड़ी मोतियों सी पसीने की बूंदें जला रही थी मुझे, वो मेरी मौजूदगी में भी तुम्हारा स्पर्श करता बार-बार तुम्हा...
गली,नुक्कड़,मेट्रो,मॉल,ऑफिस हर जगह बाहुबली का शोर मचा था | मैंने सोचा जब इतने लोग बाहुबली-बाहुबली चिल्ला रहे हैं तो जरूर इसमें कुछ बात होगी ...
तुम टेनिसन की सरिता और मैं ब्रह्मपुत्र का उफान, अरे पगली क्यूँ ले रही हो तुम मेरी मोहब्बत का इतना इम्तहान | मुझे नहीं पता कि क्या पैमा...
वो तुम्हारा विदेश की हसीन वादियों में छुट्टियां बिताना तुम्हारे छोटे से घर का बिजली बिल लाखों में आना फर्जी डिग्री वाले मंत्रियों के सहार...
करीब डेढ़ दो महीने पहले जब नेट न्यूट्रीलिटी पर मीडिया के तमाम प्रारूपों में चर्चा और बहस मुबाहिसों का दौर ( चर्चा अब ...
एक बार फिर नई जगह,नए लोग,नई दीवारें, मेरे बैठने की नई कुर्सी जिससे कभी मेरी ठीक से जान पहचान नहीं हो पाई | इस नएपन में एक चीज हमेशा मौजूं...
पहले हम झुंड में दिखा करते थे अब हमारी संख्या घटती जा रही है | जंगल,गांव,क़स्बा,शहर हर जगह ये हमें आच्छादित करने पर तुले हैं | Confuse हूँ...
शिव की जटा से निकली,भागीरथी के प्रयासों से इस धरती पर आई, तुम मनुष्यों के पाप धोकर पतितपावनी कहलाई मैं अभागी गंगा बोल रही हूँ | ढूंढ़ती ...
सोचता हूँ कभी-कभी, की क्या बदला है मेरी ज़िंदगी में तुम्हारी दस्तक से | कोशिश करता हूँ मूल्यांकन करूँ, पर संबंधों का गणित मानसिक रूप से...
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