क्या बात है भाई आजकल कूड़ा ले जाने नहीं आते हो ? देखो आज तीन दिन हो गए,घर में कूड़े का ढेर लग गया है,पैसा मांगने तो हर महीने की पहली तारीख...
क्या बात है भाई आजकल कूड़ा ले जाने नहीं आते हो ? देखो आज तीन दिन हो गए,घर में कूड़े का ढेर लग गया है,पैसा मांगने तो हर महीने की पहली तारीख...
जनवरी की सर्द रात,दूब पर गिरी ओस की बूंदें और अकेलेपन का एहसास लिए मुँह से सिगरेट के धुएँ जितनी निकलती कोहरे के कश्मकश के बीच नीलेश अपनी...
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