मैं हिंदी हूँ हर रोज मैं देखता उसे, वो सकुचाई सहमी सी पड़ी रहती, वो सबको देखती, पर उसे शायद ही कोई देखता, पर हाँ वर्ष में एक दिन, ...
मैं हिंदी हूँ हर रोज मैं देखता उसे, वो सकुचाई सहमी सी पड़ी रहती, वो सबको देखती, पर उसे शायद ही कोई देखता, पर हाँ वर्ष में एक दिन, ...
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