जिनके पास सबूत नहीं होते क्या वो बेकसूर नहीं होते जज साहब ? यह हिंदी सिनेमा का महज एक डायलॉग है लेकिन इसके पीछे एक बेबस,लाचार आम आदमी की हम...
जिनके पास सबूत नहीं होते क्या वो बेकसूर नहीं होते जज साहब ? यह हिंदी सिनेमा का महज एक डायलॉग है लेकिन इसके पीछे एक बेबस,लाचार आम आदमी की हम...
एक शानदार कलाकार जब ताउम्र अपने अंदर की प्रतिभा को दिखाने के लिए मौके का इंतजार करते-करते चिर निद्रा में लीन हो जाए तो इस विडंबना को कला के...
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