अनुराग की चरस लॉक डाउन 1 में ही ख़त्म हो गई थी | कुछ दिन तक दारु के स्टॉक से काम चला फिर वो भी खत्म | आजकल गार्ड से बीड़ी,खैनी मांगकर काम चला...
अनुराग की चरस लॉक डाउन 1 में ही ख़त्म हो गई थी | कुछ दिन तक दारु के स्टॉक से काम चला फिर वो भी खत्म | आजकल गार्ड से बीड़ी,खैनी मांगकर काम चला...
यूँ वह घर के बाहर मंडराता पहरेदारी करता वफादारी का प्रतीक पर उसका इंसानों को छू जाना अपवित्र समझा जाता था सीमाएं तय थीं उसके लिए दरवाज...
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