Sunday 29 March 2020

घरों में रहो न बस 21 दिनों की तो बात है

0 comments
जिंदगियां खास हैं
अवाम को ये अहसास है,
कोरोना का खतरा मंडरा रहा सबके आसपास है,
घरों में रहो न
बस 21 दिनों की तो बात है |
करो वो काम
जो समयाभाव में पेंडिंग पड़े थे
खोलो किताबों की अलमारियां
झाड़ो धूल 
बिताओ कुछ वक्त अपनों के साथ
जो बहुत खास हैं
घरों में रहो न
बस 21 दिनों की तो बात है |


ये मत सोचो कि तुम कैद हो चारदीवारी में
सोचो कि तुम महफूज हो
कोरोना की पहुँच से दूर हो
जरा देखो
अमेरिका,इंग्लैंड,इटली,स्पेन
जैसे धनाढ्य मुल्कों के हालात
इसलिए
घरों में रहो न
बस 21 दिनों की तो है बात |
अगर यही सोचकर
तुम निकलोगे सड़कों पर
तोड़ोगे लॉक डाउन की बेड़ियाँ
कि मुझे कुछ नहीं होगा
तो बिगड़ेंगे बहुत हालात
गर कोरोना से बाहर हो गई मुलाकात
तो सोचो कितनों की जान पर बन आएगी बात
घरों में रहो न
बस 21 दिनों की तो है ये बात  |
क्यूँ मचल रहे हो इतना घर से निकलने को ?
याद है तुम्हें
इसी फेसबुक,ट्विटर,व्हाट्सअप,इंस्टा
की वजह से पति पत्नियों के बीच होते थे झगड़े
सुनने पड़ते थे ताने
बॉस के सामने तुम बनाते थे बहाने
तब समय नहीं था तुम्हारे पास
अब ये सब पास है
घरों में रहो न
बस 21 दिनों की तो बात है |
समय ले रहा तुम्हारे धैर्य की प्रतीक्षा
किसी को चौबीसों घंटे नहीं होती है
घर पर रहने की इच्छा
पर समझो इस महामारी की गंभीरता
जो अमीर,गरीब किसी को नहीं छोड़ता
दिखाओ थोड़ा संयम
घर से बाहर न रखो कदम
संभालो अपने जज्बात
इसलिए
घरों में रहो न
बस 21 दिनों की तो है ये बात |
जैसे ही ख़त्म होगा लॉक डाउन
फिर होगा वही
सड़कों पर गाड़ियों का शोर
ट्रैफिक जाम
प्रदूषण,घुटन
आपाधापी, समय परऑफिस पहुँचने की टेंशन
बस वर्तमान को स्वीकार करो न
वरना भविष्य नहीं देखने देगा कोरोना
इसलिए कहता हूँ
बस 21 दिनों की बात है
घर पर रहो न |
गिरे देश की विकास दर,
चाहे सेंसेक्स पहुंचे रसातल
मुद्रास्फीति छुए आसमान
तुम इसकी चिंता करो न
सरकार सब संभाल लेगी
तुम बस खुद को संभालना
हिम्मत मत हारना
बस 21 दिनों की बात है
घर पर रहो न |
शिकायत रहती थी तुम्हें
कि वक्त नहीं है मेरे पास
अब तो वक्त ही वक्त है
तो रहो न घर में
बस 21 दिनों की तो बात है |

No comments:

Post a Comment