क्या बात है भाई आजकल कूड़ा ले जाने नहीं आते हो ? देखो आज तीन दिन हो गए,घर में कूड़े का ढेर लग गया है,पैसा मांगने तो हर महीने की पहली तारीख को आ जाते हो,साले कामचोर |
इनर,फुल स्वेटर,जैकेट,शॉल और हाथों में ग्लब्स पहने,कॉफी की चुस्कियां लेते हुए दरवाजा खोलते ही अविनाश उस कूड़े वाले पर बरस पड़ा,जो हाड़ कंपाती ठंड में बिलकुल फटे चिटे कपड़ों में काँधे पर कूड़े का बोरा लटकाए अपने शरीर को गर्माहट देने की कोशिश कर रहा था |
भैया आजकल ठंड थोड़ी ज्यादा बढ़ गई है इसलिए रोज नहीं आ पा रहा हूँ |
हाँ तो ठंड सिर्फ तुम्हारे लिए ही है क्या,हमें भी ठंड लगती है,हम तो अपना काम नहीं छोड़ते |
दरअसल तुमलोगों को आदत हो गई है कामचोरी की | उसपर अपनी भड़ास निकाल,अविनाश ने जोर से दरवाजा बंद किया और आकर बाथरूम में गीज़र ऑन करके शेविंग करने लगा |
ऑफिस निकलते समय उसकी नजर वाशिंग मशीन पर पड़े एक पुरानी जैकेट पर पड़ी जिसे वो पिछले तीन सालों से पहन रहा था,जैकेट की स्थिति काफी अच्छी थी और उसने सोचा था कि कूड़े वाले को दे दूँ,लेकिन उस कूड़े वाले के तीन दिन की छुट्टी ने अविनाश का मन बदल दिया,रहने देते हैं,इसे लांड्री में धुलवा कर मैं ही पहनूँगा वैसे भी इन सालों को इतनी महंगी जैकेट देकर होगा क्या |
इस विचार से अविनाश उस जैकेट को लेकर निकल गया और ऑफिस के रस्ते में पड़ने वाले एक लांड्री वाले को देकर आगे निकल गया |
अगले दिन कूड़े वाला नहीं आया,अविनाश को अपने उस फैसले पर बड़ा गर्व हुआ,ठीक किया मैंने साले को जैकेट नहीं दिया | फिर अगले चार दिनों तक भी कूड़े वाला कहीं नजर नहीं आया,अविनाश जैसे ही घर में कूड़े का ढेर देखता,उसकी जुबान से कूड़े वाले के लिए भद्दी गाली निकलती | साले कामचोर,निकम्मे,,,
अगले दिन ऑफिस से लौटते समय लांड्री वाले की नजर अविनाश पर पड़ी,अरे साहब अपना जैकेट ले जाइये,वरना दुकान में कहीं इधर उधर हो जाएगा | अच्छा बड़ी जल्दी कर दिया अविनाश ने कहा,साहब मैंने सोचा इतनी ठण्ड पड़ रही है,शायद आपको जरुरत पड़े,और आप तो वर्षों से हमारे ग्राहक हैं | हम्म्म्म,अविनाश ने उससे जैकेट लिया और घर की तरफ बढ़ गया |
अरे वाह जैकेट तो बिलकुल नई जैसी लगने लगी कल,इसी को पहन के ऑफिस जाऊंगा |
सुबह फिर कूड़े वाले को कोसते हुए अविनाश तैयार हुआ और आज,इनर और शर्ट के ऊपर उसने वही जैकेट पहनी |
दरवाजे पर बेल बजी,वह भन्नाते हुए निकला कि साला आज इस कूड़े वाले को हटा ही दूंगा,सामने 16,17 साल का एक लड़का कूड़े की बोरी लिए खड़ा था |
अरे वो बुड्ढा नहीं आया कूड़ा लेने अविनाश ने चिल्लाते हुए कहा,
भैया अब्बा इस दुनिया में नहीं रहे,चार दिन पहले ही ठंड से उनकी मौत हो गई,क्या अविनाश अवाक् रह गया,बिलकुल खामोश,अब उस लांड्री से धुली हुई जैकेट में भी उसे ठंड लग रही थी |