Friday 15 February 2019

तुम्हारी शहादत पर देश यूँ कब तक मौन रहेगा

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तुम सीमा पर जान गँवाओगे,
शहीद कहलाओगे,
मुआवजे की घोषणा होगी,
तुम्हारे नाम पर गालियां,चौक,चौराहे होंगी
और हाँ सड़कों का भी निर्माण होगा,
तुम्हारी विधवा,बच्चे,बूढ़े माँ बाप का,
अख़बारों में फोटो के साथ नाम होगा
तुम वीरगति को प्राप्त हुए हो,
हे मातृभूमि के सजग प्रहरियों,
तुम्हारा यूँ ही गुणगान होगा !!
हम कैंडल मार्च निकालेंगे,
शब्दों से दुश्मन को रौंदेंगे,
तुम कफ़न में विदा हो जाओगे |
इधर तुम्हारी चिता जलेगी,
और हम
सबसे पहले कड़ी निंदा करेंगे
सबूतों दस्तावेजों का पुलिंदा इकठ्ठा कर पड़ोसी को थमाएंगे,
और आतंकवाद पर
पाक पाक चिल्लाएंगे,
कड़े कदमों के नाम पर हम राजदूत वापस बुलाएंगे,
अमेरिका के सामने गिड़गिड़ाएंगे,
लेकिन विश्व गुरु कहलाएंगे,
गाँधी के सच्चे अनुयायी का तमगा पाएंगे,
मानवाधिकारवादियों की प्रशंसा पाएंगे |
फिर कुछ दिनों में मौन हो जाएंगे,
आखिर हम विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक मुल्क हैं,
जिम्मेदार सहिष्णु,शांत,
हमारा तंत्र तुम्हारी शहादत पर ही कुलबुलाता है,
वो भी धीमी आंच पर क्योंकि,
हमने अपनी सीमाएं तय कर रखी हैं,
जैसे लक्ष्मण ने सीता के लिए खींची थी,
हम सीमा पार करना नहीं जानते,
चाहे हमारा कितना भी चीर हरण हो,
हम सिर्फ धमकाना जानते हैं,
उस युग में तो
राम और कृष्ण ने तुम्हारी रक्षा की थी,
इस युग में कौन करेगा ?
तुम्हारी शहादत पर देश यूँ कब तक मौन रहेगा 

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