Sunday 17 January 2016

पुलिस और गरीब बच्चों की सेवा,ओय तेरी

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मुझे अकेलापन बहुत सकून देता है, हालाँकि इसके बहुत सारे फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी है | अगर आप रात में देर से सोए हैं और सुबह-सुबह Cook,Bell  बजाए तो आप Delhi Belly Movie के आलसी मित्रों से उम्मीद न कर खुद ही दरवाजा खोलने की जहमत उठाते हैं | और दिल्ली की Cook हर सुबह आते ही सवाल दागेगी क्या बनेगा भैया ? अरे यार रोज एक ही सवाल पूछती हो | कुछ बना दो | बस तेल कम डालना सब्जी में | भैया अब क्या पानी में खाना बनाऊं | दिल्ली की कूकनियों (महिला कुक को यहाँ कूकनी से संबोधित किया जाता है ) | को लगता है कि अगर सब्जी में तेल नहीं डाला तो मानो पाकिस्तान अटैक कर देगा | खाना मुझे है न,तुम Boil बना दो ( आपलोगों की जानकारी के लिए बता दूँ,Boil या एकदम नाम मात्र का तेल मसाला खाने के ये फायदे हैं कि उम्र कभी आपसे आगे नहीं जाएगी,वो एक अच्छे अनुचर की तरह हमेशा आपके पीछे-पीछे रहेगी ) बस ज्यादा तेल नहीं होना चाहिए | उनींदी आँखों से सुबह का ये वार्तालाप पूरा कर मैं अपने बिस्तर पर आ गया | तक़रीबन आधे घंटे के बाद फिर Cook की आवाज ने मेरी शाही नींद में खलल डालते हुए कहा भैया खाना बन गया मैं जा रही हूँ | ह्म्म्म्म्म ठीक है | उसे विदा कर मैं फिर बिस्तर की ओर उन्मुख हुआ कि चलो अब कोई विघ्न नहीं आएगी | बस नींद मुझे अपने आगोश में लेने ही वाली थी की फिर Bell बजी ओ बहन के अब कौन आ गया | दरवाजा खोला देखा एक खाकी वर्दी वाला रजिस्टर लिए खड़ा था | मैंने कहा हें,ये किस काम से आया है सुबह-सुबह |न तो मैंने किसी ढोंगी बाबा की मिमिक्री की,न मेरी पोस्ट से किसी की भावनाएं आहत हुई | चलो इतनी तसल्ली हो गई की बंदा गिरफ्तार- विरफ्तार करने नहीं आया है |  मैंने पूछा बताइये क्या काम है,उसने रजिस्टर मेरे आगे करते हुए बोला ये 26 January  के लिए है,बस आप यहाँ Signature कर दीजिये,अच्छा ठीक है | Signature करते समय मेरी नजर उसके अगले कॉलम पर पड़ी जिसमें मुझसे पहले कुछ लोगों के Signature दर्ज थे साथ ही Signature के बगल में 100,200,500 लिखा था | मैं उससे कुछ पूछता उससे पहले ही उसने कहा आप कितने लोग हो ? मैंने कहा एक | फिर वो बोला हम लोग 26 जनवरी को गरीब बच्चों की सहायता के लिए एक प्रोग्राम कर रहे हैं,उसके लिए कुछ सहायता राशि चाहिए | मैंने और आपमें से जिसने भी दिल्ली या भारत भर की पुलिस की कार्यपद्धति देखी है उसके हिसाब से तो ये हैरान करने वाली बात थी | पुलिस और सहायता वो भी गरीब बच्चों की | ओय तेरी | मैंने सोचा चलो  Signature तक तो ठीक है यार,क्योंकि साला 26 जनवरी 15 अगस्त जैसे दिनों को आम भारतीयों पर खतरा कुछ ज्यादा ही बढ़ जाता है,शायद पुलिस वाले एहतियातन ये कर रहे होंगे | पर ये पैसे वाली बात मुझे हजम नहीं हुई | उस बंदे ने खाकी वर्दी के ऊपर जैकेट पहन रखी थी | मैंने कहा जरा अपना बैज दिखाओ |  नाम था उमा शंकर शर्मा | अब मैं,आप से तुम पर आ गया था | फिर पूछा अपना आई कार्ड दिखाओ उसने आई कार्ड निकाला, मध्य प्रदेश पुलिस सेवा मंडल | मेरा पारा सुबह-सुबह सातवें आसमान पर चढ़ गया | साले हरामी के पिल्ले MP पुलिस वहां से दिल्ली आकर समाज सेवा कबसे करने लगी | तुम्हारा बॉस कौन है | उसने एक पर्ची निकाली उस पर किसी जावेद खान का नाम था |मैंने कहा ये कौन है ? कहाँ का S.P, D.S.P  है ? नहीं ये हमारे संगठन के मुखिया हैं | मतलब भौंसड़ी के तुम फर्जी पुलिस वाले हो | तब तक मैंने सुबह-सुबह अपनी ठंडी हाथों से एक करारा तमाचा उसके गाल पर रशीद कर दिया | मुझे याद भी नहीं की मेरे इन कोमल और सहिष्णु हाथों ने आखिरी बार कब असहिष्णुता दिखाई थी | (यकीन मानिये मैं बहुत सहिष्णु हूँ ) बहनचोद पुलिस की वर्दी पहन कर और बच्चों के नाम पर ये धंधा करते हो | रुको अभी दिल्ली पुलिस को फोन करता हूँ 100 पर | मैंने फोन हाथ में लिया 100 No डायल किया,हेलो दिल्ली पुलिस कंट्रोल रूम,तब तक वो बंदा सीढ़ियां उतरने लगा | चलो इसके लिए इतना सबक काफी है | हेलो आवाज नहीं आ रही है | मैंने फोन काटा और नींद से क्षमा मांगी की आज फिर मैं तुम्हें मुकम्मल जहां तक नहीं पहुंचा पाया 

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