Saturday 9 January 2016

और तुम उन्हें लाहौर का मरहम लगाओ |

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वो जवानों का सीना गोलियों से छलनी करेंगे
और तुम कसाब को बिरयानी खिलाओ | 
वो हथियारों का जखीरा भेजेंगे,
तुम उन्हें सबूत सौंपते जाओ |
वो आतंकियों की शहादत पर गर्व करेंगे
और तुम अपने जवानों को शहीद का दर्जा देकर खुश हो जाओ  |
वो दिल्ली का दिल दहलाएंगे
और तुम इस्लामाबाद को दोस्ती का पैगाम भिजवाओ  | 
वो चीन से अपनी पींगें बढ़ाएंगे
और तुम अमेरिका के सामने मातम मनाओ |
वो नफरत की आग जलाएंगे
और तुम उसपर शांति का मुलम्मा चढ़ाओ  |
वो तुम्हें कारगिल का जख्म दें
और तुम उन्हें लाहौर का मरहम लगाओ | 
वो तुम्हारी बहन,माओं को विधवा करेंगे
और तुम राहत के संगीत के लिए शोर मचाओ | 
वो हैवानियत का नंगा नाच दिखाएं
और तुम उन्हें इंसानियत का पाठ पढ़ाओ |
मैं ये नहीं कहता कि मिटा दो उसे दुनिया के नक़्शे कदम से 
पर इस अदने पाकिस्तान को उसकी औकात तो बताओ

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