बॉबी जिंदल ने कुछ दिनों पहले
I am not an Indian -American,I am only American
कहकर हम खुशफहमी में जीने वाले
भारतीयों के मुँह पर करारा तमाचा जड़ा था |
अब Sundar Pichai के
Google के CEO बनने पर हम ऐसे बावले हो रहे हैं
जैसे Google हमारा घर जमाई बनने को तैयार हो गया हो |
समय आ गया है कि इस सांकेतिक राष्ट्रवाद की
खुशफहमी से बाहर निकलकर
हमें यह सोचना चाहिए कि,
Sundar Pichai,Satya Nadela,Indira Nui,Shantanu Narayan,
जैसों का महिमामंडन करने से देश को क्या फायदा हो रहा है |
और वैसे भी ये सारे नाम
उस पूंजीवादी अमेरिकी विचारधारा की उपज हैं
जिस विचारधारा में माटी की खुशबु खोजने वाले को बेवकूफ समझा जाता है |
अच्छा होगा कि हम भी भारत में
Google,Microsoft,Pepsi,Adobe जैसे ब्रांड बनाने पर ध्यान दें |
Pichai जैसे सैकड़ों नाम खुद ब खुद हमारे पीछे चले आएँगे |