Saturday 8 August 2015

वर्तिका,नीलेश,मोहब्बत और नियति

0 comments
जनवरी की सर्द रात,दूब पर गिरी ओस की बूंदें और अकेलेपन का एहसास लिए
मुँह से सिगरेट के धुएँ जितनी निकलती कोहरे के कश्मकश के बीच 
नीलेश अपनी धुन में कुछ गुनगुना रहा था,
अचानक एक धीमी सी सुरीली आवाज ने उसे पीछे मुड़ने पर मजबूर कर दिया,
आप नीलेश हो न,नीलेश ने खुद को थोड़ा सँभालते हुए कहा और आप शायद वर्तिका,
वर्तिका ने जुबान नहीं आँखों से नीलेश के शायद को पुख्ता करते हुए हाँ में स्वीकृति दी | 
आपने खाना खाया,नीलेश ने वर्तिका से पूछा
वर्तिका इस असामान्य पहर में इस सामान्य प्रश्न के लिए शायद तैयार नहीं थी,
हमम थोड़ा सा खाया वैसे रात में मैं खाना न के बराबर ही खाती हूँ
अच्छा Coffee पिएँगी,उस सर्द रात में वर्तिका को नीलेश का ये ऑफर अच्छा लगा
फिर दोनों,हाथों में Coffee की गर्माहट को महसूस करते 
चहलकदमी करते हुए बातों में मशगूल हो गए |
बातों का कारवां जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा था
नीलेश और शायद वर्तिका भी जनवरी की उस सर्द रात में भी,
एक अजीब सी गर्माहट महसूस कर रहे थे |
रात अपने पूरे शबाब पर थी शादी की रस्में ख़त्म हो चुकी थी,
इधर नीलेश और वर्तिका एक नए संबंध का महल बनाने की नींव खोद रहे थे | 
नीलेश सोच रहा था कि काश वक्त थोड़ा बेईमान होता ,
तो मैं उसे रिश्वत देकर कुछ समय के लिए Hold  पर रख देता |
खैर वक्त ने अपनी ईमानदारी नहीं छोड़ी और बोझिल मन से नीलेश ने वर्तिका को शुभ रात्रि कहा |
Flashback-नीलेश रात भर ठीक से सो नहीं पाया
यह वर्तिका से उसकी तीसरी मुलाकात थी,
पहली मुलाकात जो करीबन सात साल पहले एक मित्र की Farewell Party पर हुई थी,
उसकी धुंधली सी तस्वीर उसे याद थी |
दूसरी मुलाकात में कुल चार लोग थे और सच कहा जाए
तो उस मुलाकात में वर्तिका,नीलेश को थोड़ी बौद्धिक दंभ से भरी हुई एक घमंडी लड़की लगी थी |
हो सकता है ये Feeling वर्तिका के मन भी हो |
हाँ नीलेश को इतना अच्छे से याद था का पूर्व की उसकी दोनों मुलाकातें गर्मी में हुई थी,
लेकिन संबंधों या जानपहचान में कोई गर्माहट नहीं आई थी |
यह नियति ही थी की नीलेश और वर्तिका जिस Common friend के farewell  में 
पहली बार मिले थे,तीसरी बार उसी की शादी में वो एक दूसरे से फिर टकराए |
इधर वर्तिका भी Flashback  में नीलेश के साथ हुई दो मुलाकातों
और बातों को याद करते हुए नींद के आगोश में समाने की कोशिश कर रही थी |
क्या वर्तिका और नीलेश की तीसरी मुलाकात किसी नए स्थायी संबंध को जन्म देगी ?
क्या वो दोनों खुलकर अपने दिल की बात एक दूसरे के सामने रखेंगे ?
थोड़ा धैर्य रखिये यह कहानी रफ्ता रफ्ता आगे बढ़ेगी ---- to be continued 

No comments:

Post a Comment