आप की सरकार
एक पुरानी कहावत है
कि जब शेर के मुँह में खून का स्वाद लग जाए तो उसे घास-पात अच्छे नहीं लगते
और अगर उस खून में आम आदमी का प्रोटीन
लोकपाल का विटामिन और
भ्रस्टाचार का फाइबर मिला हो
तो सोने पे सुहागा समझिये|
आम आदमी पार्टी
जिसे मैं मुख्यतः कांग्रेस के कुशासन
और मीडिया की उपज मानता हूँ
के बड़बोले बुद्धिजीवियों को कैमरे की चकाचौंध
मीडिया का हुजूम
साक्षात्कार का जबर्दस्त चस्का लगा था
आप के इन सारे आडम्बरों वादों को delhi की जनता ने अपना मत भी दिया।
लेकिन भैया ये मत था बहुमत नहीं|
जब बहुमत नहीं दिया तो फिर दोबारा जनता के मत का क्या मतलब है?
कांग्रेस ने भाजपा का अप्रत्याशित साथ पाकर लोकपाल बिल भी पास कर दिया |
अन्ना हजारे के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है |
लेकिन आप के पास खोने के लिए पूरी delhi की सत्ता है ।
लुटियंस के बंगले,लाल बत्ती लगी गाड़ी
दो तीन घेरे का सुरक्षा चक्र किसे अच्छा नहीं लगेगा ।
अरविन्द केजरीवाल नवजात राजनीतिज्ञ हैं
लेकिन लुढकने गिरने संभलने की बजाय सीधे दौड़ना चाहते हैं |
पहले वो केवल अपना मत देते थे
अब मीडिया,तमाम राजनीतिक दल और जनता उनका मत पूछ रही है
अच्छा तो लगेगा ही |
क्या होगा अगर कांग्रेस आप को समर्थन देगी और एक ऐतिहासिक सरकार बनेगी |
ऐतिहासिक इसलिए
क्योंकि जिस पार्टी का आधार ही कांग्रेस का कुशासन और विरोध था
अब वो साथ-साथ delhi वालों को मुर्ख बनाएगी|
सरकार बनने के बाद किसे याद रहता है चुनावी घोषणापत्र
कस्मे वादे । पाँच साल सत्ता सुख तो भोगेंगे |
दरअसल दोनों पार्टियां डरी हुई हैं
की अभी सरकार ना बनी तो क्या पता कल हो न हो |
वैसे भी झाड़ू की नियति है हाथ में आना |
भाजपा या कांग्रेस तो चलिये बदनाम है
की ये सत्ता की लोभी हैं
लेकिन ये कुछ छिपाती नहीं हैं|
पर आप तो सत्ता पाने को आतुर है |
लेकिन इ कौन बात हुआ भैया
की बारिश में नहाने का भी मन कर रहा है
और चाहते हैं की शरीर भी ना भींगे |
ऐसे थोड़े ना होता है |
नहाने का मन है जी भरके नहा लीजिये
और आप के मामले में तो बिन बादल बरसात नहीं बाढ़ आई है |
पर ये बात आम और खास सब लोग जानते हैं
की बाढ़ का पानी जितना जल्दी चढ़ता है उतनी ही तेजी से उतरता भी है |
hahahahaha.....AGREEEEEE
ReplyDeletehmmmmmmmmmmmm
ReplyDeleteTo
ReplyDeletedelhi
kar k ek dusre se ahad e wafa
aao kuchh der jhooth bole hum
regards AAP
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