मर्यादा पुरषोत्तम राम
मित्रों आपमें से बहुतों ने,अमूमन विवाह सम्बंधित विज्ञापनों में लिखा देखा होगा राम मिलाए जोड़ी,मैंने भी देखा था,लेकिन कल कमला नगर मार्केट की ओर जाते वक़्त बड़े मोटे अक्षरों में इस लाइन पर नजर पड़ी तो मैं सोचने को मजबूर हो गया,की क्या राम एक आदर्श पति थे,व्यक्तिगत रूप से मर्यादा पुरषोत्तम राम करोड़ों जनमानस के लिए पूज्यनीय हैं पर राम एक पति के रूप में कदाचित पूज्यनीय नहीं हैं और ना ही थे(ये मेरा व्यक्तिगत विचार है )| क्या कोई मर्यादा पुरषोत्तम एक धोबी की शंका पर अपनी पत्नी से अग्नि परीक्षा के लिए कह सकता है ? राम द्वारा सीता को अग्नि परीक्षा के लिए कहना अयोध्या नरेश की महानता हो सकती है लेकिन यह एक पति की क्रूरता थी | सीता ने भी अपने युग सापेक्ष पति के आदेश का पालन किया,शायद इसलिए वो पञ्च कन्या में शुमार नहीं की जाती (पञ्च कन्या ,तारा ,कुंती ,अहिल्या ,मंदोदरी ,द्रौपदी ).सीता चाहतीं तो राम के आदेश को मानने से इंकार कर सकती थीं,लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया|.राम का महिमामंडन करने वाले ये कहते हैं की उन्होंने दशरथ के 14 वर्षों के वनवास के आदेश को शिरोधार्य कर महान त्याग किया | दुर्भाग्य है की राम की तथाकथित महानता के बीच हम लक्ष्मण और उनकी पत्नी उर्मिला का त्याग भूल जाते हैं| नवविवाहित उर्मिला 14 वर्षों तक विरह की अग्नि में जली थी,पर क्या लक्ष्मण ने उर्मिला को अग्नि परीक्षा के लिए कहा था| क्या आज की लडकियाँ राम जैसा पति चाहेंगी?शायद नहीं | वैसे भी अब सीता को अग्नि परीक्षा की जरुरत नहीं है | क्या ये अच्छा नहीं होता की विज्ञापन एजेंसीयाँ अपना स्लोगन बदलकर लक्ष्मण मिलाए जोड़ी कर ले |
LAKSHMAN? NOOO....... NOT AT ALL!
ReplyDeleteSIR Shatrughan aur Meghnad bhi hai RAMAYAN me?