Wednesday 31 July 2013

विचार

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मित्रो ,विचारों की इस काल्पनिक दुनियाँ में आपका स्वागत है | मेरी इस पहली लाइन से ही आप में से कई लोग असहमत होकर यह सवाल उठा सकते हैं की क्या विचार भी काल्पनिक होते हैं | मेरे विचार से विचार अमूमन काल्पनिक ही होते हैं ,यदि उसे मूर्त रूप ना दिया जाए | 

                             कुछ विचार स्वत:स्फूर्त पैदा होते हैं ,कुछ प्रतिक्रिया वश और कुछ विचार देश ,काल और समाज की परिस्थितियों से उत्पन्न होते हैं | हममे से कई लोग विचारों पाँच सितारा होटल खड़ा करते हैं ,लेकिन बहुत कम ऐसे हैं जो अपने काल्पनिक होटल को झोपड़पट्टी का भी वास्तविक रूप दे सकें | 
 
                                                                  हम बचपन से ही यह सुनते आ रहे हैं की व्यक्ति अपने विचारों से ही महान बनता है ,लेकिन क्या आपने किसी ऐसे व्यक्ति का नाम सुना है जिसके सिर्फ विचार महान  हों व्यक्ति नहीं | तात्पर्य यह की जितने भी महान व्यक्ति हुए हैं उन्होंने अपने विचारों को मूर्त रूप दिया है | इतिहास बनना तो काफी आसान है लेकिन बनाना बहुत मुश्किल | 
 
                                                             मैं अपने इस शैशव ब्लॉग संवाद को अपने और आपके बीच के संवाद और मूर्त विचारों से युवा बनाने की कोशिश करूँगा | मेरा ऐसा मानना है की जिस सामाजिक परिस्थिति में हम जी रहे हैं वहाँ वैचारिक शून्यता के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए | 
                     चलिए हम  शुरुआत करते हैं संवाद करते हैं |

1 comment:

  1. एक निराशावादी को हर अवसर में कठिनाई दिखाई देती है ; एक आशावादी को हर कठिनाई में अवसर दिखाई देता है .

    इंसान अपने विचारों से निर्मित प्राणी है, वो जैसा सोचता है वैसा बन जाता है.

    So Be Positive Think Positive

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